Sunday, April 22, 2018

जीवन के प्रति श्रद्धा...उर्मिला सिंह

दिल के  समन्दर  में भावों की  कश्ती  होती है!
उठती गिरती लहरें जीवन की कहानी कहती है!!
सुख दुख है जीवन माना ,पर पार उसे है करना,
सघर्षों से लड़ कर ही अपनी पहचान बनानी है!!

ज्ञान तुम्हें मिलता है किताबों से, सच है माना
अनुभव राह दिखाता है ,जब छाये घोर अँधेरा
जितने गहरे जाओगे मोती ढूंढ तभी पाओगे
जग में पदचिन्ह तभी तुम अपने दे जाओगे

जीवन के प्रति श्रद्धा ही ध्येय तुम्हें बनाना है
कर्म शक्ति सर्वदा तुम्हे, उसी से पाना है
यदि साध्य तुम्हारा उज्ज्वल होगा जीवन में
साधन अवश्य मिलेगा तुमको मन्जिल पाने में
-उर्मिला सिंह

4 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (23-04-2018) को ) "भूखी गइया कचरा चरती" (चर्चा अंक-2949) पर होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्‍छा लिखा है उर्मिला जी

    ReplyDelete