हर जीव की ज़िंदगी है प्रकृति
एक प्यारी डोर है प्रकृति
ये डोर कहीं टूट ना जाए
ये अनर्थ कभी होने ना पाये
कभी ज़िंदगी संवारने का
तो कभी बिगाड़ने का
कभी फूलों को महकाने का
तो कभी भूकंप से डराने का
हमने तेरे हर रूप को है देखा
और बस यही है सीखा
तेरा हर रूप निराला है
तू ही हमारी ज़िंदगी का सहारा है
- रुजुला शर्मा