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Monday, March 7, 2016

नसीब में है क्या लिखा हुआ...........अब्दुल हमीद 'अदम'


आता है कौन दर्द के मारों के शहर में
रहते हैं लोग चांद सितारों के शहर में

मिलता तो है ख़ुशी की हकीकत का कुछ सुराग
लेकिन नज़र फ़रेब इशारों के शहर में

उन अंखड़ियों को देख होता है ये गुमां
हम आ बसे हैं बादा-ग़ुसारों के शहर में

ऐ दिल तेरे ख़ुलूस के सदके ज़रा सा होश
दुश्मन भी बेशुमार हैं यारों के शहर में

देखें 'अदम' नसीब में है क्या लिखा हुआ
दिल बेंचने चले हैं निगारों के शहर में
अप्रेल-1910 - मार्च- 1981
अब्दुल हमीद 'अदम'



अर्थ :  बादा-ग़ुसारों = शराबियों, ख़ुलूस = साफ दिल