
चौराहा और पुस्तकालय
चौराहे पर खड़ा आदमी
बरसों से, खड़ा ही है चौराहे
पर टस से मस भी नहीं हुआ !
जबकि पुस्तकालय में
खड़ा आदमी
खड़े-खड़े ही पहुँच गया
देश-दुनिया के
कोने-कोने में
जैसे हवा-सूरज,
धूप-पानी और बादल
फिर भी देश में
सबसे अधिक हैं चौराहे ही।
जबकि पुस्तकालय में
खड़ा आदमी
खड़े-खड़े ही पहुँच गया
देश-दुनिया के
कोने-कोने में
जैसे हवा-सूरज,
धूप-पानी और बादल
फिर भी देश में
सबसे अधिक हैं चौराहे ही।