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Saturday, October 7, 2017

प्यार का मतलब .....चंचलिका शर्मा



तुम कहते हो 
मैं जिद्दी हूँ 
और थोड़ी सी 
हूँ मनचली ... 
हाँ , मैं हूँ 
स्वीकार है मुझे 
मैं जिद्दी हूँ 
थोड़ी सी मनचली भी ........ 
जब भी माँगा , 
जो कुछ भी माँगा 
सब कुछ प्यार से 
दिया तुमने ...... 
चांद , सितारे गर 
माँग भी लेती 
शायद लेकर आते 
जी जान लगाकर भी ......... 
इतना प्यार 
क्यों लुटाते हो 
प्यार का मतलब 
क्या जानते भी हो ?.. 
प्यार आवारगी नहीं 
न सिर्फ़ है दीवानगी 
प्यार बंदगी भी है 
और है इबादत भी ......... 
चलो न , आज 
अभी , इसी वक्त 
हम , तुम कर लेते 
हैं एक वादा .... 
गर कभी साथ छूटे तो 
बनकर रहना कृष्ण मेरे 
राधा बन सताऊंगी नहीं 
बन सकती हूँ जोगन मीरा भी ....
-चंचलिका शर्मा

Tuesday, August 22, 2017

अमाँ हम भी किरायेदार ही हैं....नवीन सी. चतुर्वेदी

चढा कर तीर नज़रों की कमाँ पर। 
हसीनों के क़दम हैं आसमाँ पर॥ 

हरिक लमहा लगे वो आ रहे हैं। 
यक़ीं बढता ही जाता है गुमां पर॥ 

कोई वादा वफ़ा हो जाये शायद। 
भरोसा आज भी है जानेजाँ पर॥ 

उतरती ही नहीं बोसों की लज़्ज़त। 
अभी तक स्वाद रक्खा है ज़ुबाँ पर॥ 

किसी की रूह प्यासी रह न जाये। 
लिहाज़ा ग़म बरसते हैं जहाँ पर॥ 

अगर भटका तो इस को छोड़ देंगे। 
नज़र रक्खे हुये हैं कारवाँ पर॥ 

अमाँ हम भी किरायेदार ही हैं। 
भले ही नाम लिक्खा है मकाँ पर॥ 

-नवीन सी. चतुर्वेदी
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Saturday, July 22, 2017

एक और क्षितिज .......चंचलिका शर्मा


क्षितिज के 
उस पार भी है 
एक और क्षितिज 
चल मन चलें उस पार ..........

जहाँ तितलियाँ
इठलातीं , इतराती 
लहराती लहरों सी है 
जैसे दूर सागर के उस पार .......

भटक नहीं 
किसी बंधन में 
छोड़ उस पार की चिंता 
रम जा अब सिर्फ़ ही इस पार ......... 
- चंचलिका शर्मा