
ज़िन्दगी जी लिया हमने
गमों को पी लिया हमने
होश में हम जब आये
दिल को सी लिया हमने
मैखाना भी ख़ाली था
पैमाना भी ख़ाली था
भरी थी जिन आंखों में इश्क़
वो निगाहें बड़ा सवाली था
कहा दिल का भी मान लो
अपने जज़्बातों को थाम लो
न करो सरेआम जख़्मों को
ज़रा समझदारी से काम लो
-अनामिका घटक