परों का
कोई संबंध नहीं होता
उड़ान के साथ
उड़ान तो भरी जाती है
हौसले के दम पर
पर तो कुतर देती है दुनिया
घर बन जाते हैं पिंजरा
दरिंदे भी फैलाए रखते हैं जाल
मगर हौसले के दम पर
नभ छू ही लेती हैं लड़कियाँ
क्योंकि लड़कियाँ चिड़ियाँ नहीं होती
लड़कियाँ तो होती है लड़कियाँ !!
लेखक परिचय - दिलबागसिंह विर्क