नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अन्तर्मन,
तब सुख के मिले समन्दर का
*रह जाता कोई अर्थ नहीं*।।
जब फसल सूख कर जल के बिन
तिनका -तिनका बन गिर जाये,
फिर होने वाली वर्षा का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन
यदि दुःख में साथ न दें अपना,
फिर सुख में उन सम्बन्धों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
छोटी-छोटी खुशियों के क्षण
निकले जाते हैं रोज़ जहाँ,
फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
मन कटुवाणी से आहत हो
भीतर तक छलनी हो जाये,
फिर बाद कहे प्रिय वचनों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
सुख-साधन चाहे जितने हों
पर काया रोगों का घर हो,
फिर उन अगनित सुविधाओं का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
-राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24-04-2017) को "दुष्कर्मियों के लिए फांसी का प्रावधान हो ही गया" (चर्चा अंक-2950) (चर्चा अंक-2947) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Please read my comment below. And people like you who are in such a responsible position should device ways to stop this plagiarising.Thanks. Suddenly Hindi fonts nahee likh paa rahoon, kshma!
DeleteStealing somebody's work and posting it in your name or in the name of Rashtrkavi is plagiarism and copy right violation. This is my sister's poem. There are many people who have stolen her work including you. One Ms Sahay has removed her page after reading my blog below. My blog includes many links (including yours) who have shamelessly posted my sister's work in their name. I will keep bugging you untill you acknowledge her properly or remove this poem. My naive sister has removed all her excellent work from the internet and is not ready to share anything on the internet because of the people like you.
Deletehttps://shradzzblog.wordpress.com
aap apni sister ki bta rhi hai ek vyakti ka neeche comment h sumit sharma ji ki h kya sahi h kya glat hai?
Deleteवाह बेहद उम्दा 👌
ReplyDeleteउम्दा तो है पर ये रचना किसकी है ये क्लियर नहीं हो पा रहा है कुछ जानकारी को तो कृपया अवगत कराएं
DeleteRamdhari Singh Dinkar
Deleteदिनकर जी की कविताएँ सदा सरल और सहजता से उपदेशात्मक होती थी नमन!!
ReplyDeleteसब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या हुआ।
शानदार ।
सुन्दर चयन
ReplyDeleteमहाकवि दिनकर जी कवियों के कवि राज
ReplyDeleteलेखन उनका अति उज्वल सा हिय की बात कह जाये !
अति आभार सखी यशोदा जी दिनकर जी के काव्य से रूबरू करवाया .....शुक्रिया 🙏
वाह!!! बहुत खूब ... नमन आप की लेखनी को।
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeletePlease read my comment below. And people like you who are in such a responsible position should device ways to stop this plagiarising.Thanks. Suddenly Hindi fonts nahee likh paa rahoon, kshma!
Deleteज़ब फसल सुख कर जल क़े बिन तिनका तिनका बन गिर जाये फिर होने वाली वर्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं वाह क्या बात है
DeleteHeart touching poem
ReplyDeleteआप मेरी नीचे लिखी बात को कितना सच मानते हैं:
ReplyDeleteएक बहुत सुन्दर कविता है किसी ऐसे कवि की , जिसका नाम भी हमने नहीं सुना है आज से पहले | हम पढ़ते हैं सराहते हैं और भूल से जाते हैं !
वही कविता हम पहली बार पढ़ रहे हैं , पर कविता का श्रेय दिया गया है : राष्ट्र कवि दिनकर जी को ! इस बार वह कविता हमें अत्यधिक पसंद आती है और हम उसकी शैली में दिनकर जी की छवि ढूंढने लग जाते हैं , वाह वाह करते और दिनकर जी के गुणों का बखान करते थकते नहीं हैं !
मुझे जवाब नहीं चाहिए , क्योंकि ऊपर के Comments में मुझे जवाब मिल गया है ! आप लोगों को जोर का झटका जोर से ही लगेगा जब में यह बताऊँगा की उपरोक्त कविता दिनकर जी की नहीं वरन एक बहुत प्रतिभाशाली कवी सुमति शर्मा जी की है !
वैसे तो यह बड़ी हौसला बढ़ाने वाली बात हो सकती है किसी के भी लिए की उसकी रचना को इतने बड़े कवि की समझी जाये, पर यदि मैं स्वयं को उनकी जगह रखूँ तो मन खिन्नता से भर जाता है कि मेरे श्रम को किसी और का बताया जा रहा है ! सोशल मीडिआ का तो अब ये हाल है कि लोग बेहिचक किसी भी अच्छी रचना को कर देते हैं ! वो तनिक भी नहीं सोचते की मूल लेखक/कवि पर क्या बीत रही है | मेरा यह मानना है कि हमें किसी भी रचना को साझा करने के पूर्व पूरी जानकारी लेकर ही उसे पोस्ट करना चाहिए !
यहाँ भी मेरा तो यही कहना है की अपने त्रुटि का सुधार करते हुवे पोस्ट पर मूल रचनाकार को श्रेय देना चाहिए | फैसला आपका है ! वैसे मूल रचनाकार को तो मैं यही सलाह दूंगा की ऐसे 'अतिक्रमण' के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाहिए यदि उन्हें उचित श्रेय नहीं मिल रहा है तो !
आप प्रणम्य हैँ.
Deleteआपको मेरा सादर नमन एवं साधुवाद.
ज़ब भी ऐसा कुछ आपकी जानकारी मे कृपया रहस्य उदघाटित जरूर कीजिएगा.
शुक्रिया
दिनकर जी तक होती तो भी कुछ सहन कर लेते पर दुर्भाग्य देखिए अब कबिता नोबेल पुरस्कार प्राप्त ब्राजिल किकी कवियत्री मर्था मेरीडोस के नाम से whatsapp par धडल्ले दुष्प्रचार कर रहें हैं । और तथा कथित मूर्ख लोग औरो को उनकी महिमा सुना रहे है। कृपया कबिता तो छोड दे कवि के लिए ।
ReplyDeleteone of my favourite Kavi Dinkar ji
ReplyDeleteI am unable to makeoutas to whothe actusl port is - Martha Mediore, Ramdhari Singh Dinkar Sumti Sharma. Can anybody authentically confirm it?
ReplyDeleteI am unable to make out as to who the actual poet of this poem is - Ramdhari singh dinkar, martha meridoes or sumti sharma. Can anybody confirm it suthorotstivrly?
ReplyDeleteइस कविता की पंक्तियो में दिनकर जी ने पूरे जीवन की दास्तां ब्या कर दी,इन पंक्तियो को पढ़कर हौसला मजबूत हो जाता हैं।
ReplyDeleteनमन हैं मेरे ऐसे महान कवि को।
We are caught in blaming web. My comments regarding poet of the poem remain unanswered. I again reiterate to please clarify with authenticity about the originator of the Poem.
ReplyDeleteहमें तो कुछ लिखना भी नहीं आता है पर ये जो कविता है बहुत विचारणीय है।
ReplyDeleteजय हिन्द
वास्तविकता की अभिव्यक्ति
ReplyDeleteBest "kavita" i have ever read
ReplyDeleteजीवन की सच्चाई को दर्शाया गया है
ReplyDeletePlz give me the summary of the poem
ReplyDeleteBest kavi ramdhari Singh Dinkar ji
ReplyDeleteजीवन का यथार्थ पहलू का चित्रण किया गया है जो वास्तविकता से परिपूर्ण है.....
ReplyDeleteअत्यंत ही प्रेरक कविता है।
ReplyDeleteकिंतु यही जीवन है। जीवन में बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को पार करके इंसान को आगे बढ़ते रहना चाहिए, यही जीवन का सार है।
Very Nice Wish you all the best from thehindipoetry
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteLingashtakam Lyrics in Hindi
ReplyDeleteHanuman Chalisa in Hindi
Book name btaoo please
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