होती है
अजीबो गरीब
खुजली
किसी को भी
कहीं भी
हो सकती है
खुज़ली
जब चाहो
जहाँ चाहो
कर लो
खुज़ली..
आदमी ही नहीं
जानवरों को भी
होती है
खुज़ली
और तो और गणमान्य लोगों
को भी होती है
खुज़ली
ज़बान उनकी
हरदम
खुजलाते रहती है
उसी खुज़ली को
निरख
मीडिया वालों को भी
होने लगती है
खुज़ली
जहाँ-तहाँ
खुज़ला डालते हैं उन्हें नही लगता डर.. देखा-देखी.. अन्य चैनल भी नहीं होते
हुए भी
नमक-मिर्च डालकर
पैदा कर लेते
खुज़ली
उसी खुज़ली
के चलते
हो जाता है
हंगामा
हंगामे के
दौरान
चलती हैं
गोलिंया भी
और सरकार..
गोली खाने
वाले को...
स्वादिष्ट
मरहम लगा
देती है
क्या गया
सरकार का
खुज़ली तो
खुज़ली ही है
कभी भी
कहीं भी
किसी को भी हो सकती है खुजली..
लोगों को
इन्तज़ार है दूसरी
खुज़ली का
मन की उपज यशोदा |
Showing posts with label खुजली. Show all posts
Showing posts with label खुजली. Show all posts
Saturday, June 17, 2017
खुज़ली
Subscribe to:
Posts (Atom)