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Tuesday, December 24, 2019

बुढ़ापा....अनुराधा चौहान

बीता बचपन आई जवानी
ढलती रही उम्र वक़्त के साथ
बुढ़ापे ने भी दे दी दस्तक
भागता रहा समय का चक्र
ये क्षणभंगुर जीवन के पल
यह भी ढल जाएंगे ढलते-ढलते
बस यादें ही हैं खट्टी-मीठी
जिनके संग अब ज़िंदगी बीते
तजुर्बोे की पोटली से निकले
इस क्षणभंगुर जीवन का सार
आँखो की कमजोर रोशनी
रुखा होता अपनों का व्यवहार
बुढ़ापा होता जीवन पर भारी
आश्रित जीवन बना लाचारी
कम होता बच्चों का प्यार
कैसा है ये उमर का पड़ाव
बिखरती आशाएं दम तोड़ते सपने
झुर्रियों के जाल में फंसा मन
ढलती उम्र जीने की माया
कमजोर मन निर्बल होती काया
आँखो में घूमता अतीत का साया
बुढ़ापे ने दी जब से जीवन में दस्तक
खत्म हुआ रौब, शान-शौकत
जीवन की मीठी यादों में
अब यह जीवन बीत रहा !!




Friday, September 27, 2019

शर्तों पर ज़िंदगी....अनुराधा चौहान


शर्तों के धागों में
उलझती जाती ज़िंदगी
चाहे -अनचाहे पलों को
जीने को मजबूर
बालपन से ही
 टाँक दी जाती है
जीवन जीने की शर्तें 
हर बेटियों के दामन में
ज़िंदगी की आजादी है
 सिर्फ दूसरों के लिए
जो नहीं मानती 
शर्तों से परे हटकर
ज़िंदगी जीती हैं आजादी से
अपने तौर-तरीके से
बहुत मुश्किल होता है
पर हार नहीं मानती
वह अलंकृत होती 
कई नामों से पर फिर भी
अपना वजूद को 
कायम रखकर
अपना लोहा मनवा लेती
शर्तों के दायरे में जीने वाली
घर की चारदीवारी  
सिमट कर रह जाती 
ज़िंदगी भर रिश्तों को
 रखती सहेजकर
लड़कर-झगड़कर 
तो कभी प्यार से
रिश्तों के बीच 
खुशियाँ तलाशती
माँ-बहन तो कभी बेटी
 बनकर शर्तें निभाती
और अपने स्वप्न दबा लेती
परिवार की खुशियों तले !!

-- अनुराधा चौहान

Thursday, August 8, 2019

सौभाग्य...... अनुराधा चौहान


माँ का तर्जुबा
रह-रहकर मेरी आँखों में झाँकता रहा, 
सौभाग्य
से आती हैं
बेटियाँ घर के आँगन में
खुशियाँ वहीं हैं बसती
बेटियाँ जहाँ हैं चहकती
दुर्भाग्य
है यह उनका
जो कदर न इनकी जाने
बेटों के मोह में फंसे
बंद करते किस्मत के दरवाजे
सौभाग्य
बसे उस घर में
बहुएँ मुस्कुराए जिस घर में
भगवान का होता बास
जहाँ नारी का है सम्मान
दुर्भाग्य
पाँव पसारे
जहाँ लालच भरा हो मन में
दहेज की लालसा में
बेटी सुलगती हो घर में
सौभाग्य
अगर पाना है
सोच को बदल दे
न फर्क कर संतान में
स्त्री को महत्व दे
दुर्भाग्य
मिटे जीवन में
माँ-बाप की कर सेवा
भगवान यह धरती के
आर्शीवाद से मिले मेवा
लेखिका परिचय - अनुराधा चौहान