पहले कदम से साथ चले सब
एक सुंदर स्नेह *अलाव*'प्रज्वलित कर
फिर मचा *'बवाल'* जबरदस्त
तीसरा कदम एक *'चित्र'* मनोरम
रचा सभी ने काव्य विहंगम
फिर कायनात हुई *इंद्रधनुषी*
*पहाड़ी नदी* की रागिनी मोहक
*खलल* पडा फिर भी ना रुका कारवाँ
बढते रहे कदम उत्साहित
*प्रश्न* पूछना था तितली से
क्यों मंडराती हो सुमनों पर
सांझ ढले होती *उदास*
*परिक्रमा* ये कैसी विचित्र
फिर भी ना छोडी *उम्मीद*
*एहसास* था कितना गहरा
उस पर *तन्हाई* का पहरा
तोड बंधन भरी *उड़ान*
*डर* का ना था अब कोई काम
पंद्रहवें कदम पर *कदम* मिलायें
आज तक की यही कहानी
लिखो कदम पर कविता सुहानी।
-कुसुम कोठारी।
वाह!!कुसुम जी ,सुहाने सफर की सुंदर कहानी ।
ReplyDeleteसादर आभार मित्र जी।
Deleteसफर और साथ दोनों ही सुंदर है।
सुन्दर
ReplyDeleteजी सादर आभार आदरणीय जी।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (21-04-2017) को "बातों में है बात" (चर्चा अंक-2947) (चर्चा अंक-2941) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जी सादर आभार आदरणीय जी ।
Deleteमै अनुग्रहित हुई अपनी रचना के चयन पर।
👏👏👏👏👏क्या बात मीता ....कदम कदम की अद्भुत चर्चा ...🙏🙏
ReplyDeleteआपका साथ था हमकदम!
Deleteहमसफर ।
स्नेह आभार।
वाह!!! बहुत खूब ..... सुन्दर सफर की सुंदर कहानी
ReplyDeleteजी नीतू जी सफर सचमुच दिलकश था आपके साथ साथ
Deleteस्नेह आभार।
वाह ! सफर की यादें ताजा हो गईं । क्या वाकई पंद्रह सप्ताह बीत गए ?
ReplyDeleteसादर आभार सखी, सफर सुहाना था समय का किसे भान चलते रहेगें ऐसे ही साथ साथ।
Deleteसच कल ही की बात लग रही है।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी सादर आभार।
Deleteवाह वाह 👏 क्या खूब लिखा है.
ReplyDeleteसभी पंद्रह कदम, कदम दर कदम याद आ गये. 😊 😊
आभार सखी।
Deleteकारवां खूबसूरत था मंजिल की किसे पड़ी।
बिल्कुल सही कहा आपने, ये कारवां बड़ा ही खूबसूरत है
Deleteअरे.वाह्ह दी....मस्त एकदम..👌👌👌
ReplyDeleteहमक़दम का इससे सुंदर विवरणात्मक काव्यात्मक अभिव्यक्ति आपके सिवा और कौन कर सकता है...।
बहुत खूब दी।
हमकदम पर इतना सुन्दर काव्य...
ReplyDeleteवाह ! कुसुम जी आपका भी जबाब नहीं...
बहुत उम्दा...