Showing posts with label अँजू डोकानिया. Show all posts
Showing posts with label अँजू डोकानिया. Show all posts

Friday, January 22, 2021

मरने की चाहत होती जाती है ...अँजू डोकानिया

मुहब्बत क्या हुई  जैसे  इबादत होती जाती है|
कि सजदे में झुकने की आदत होती जाती है||

चलाओ तीर कितने भी सितम चाहे करो जितने|
जो उल्फत हो गई इक बार तो बस  होती जाती है ||

वृहद सरिता  प्रेम मेरा लहर सा इश्क़ है तेरा|
जो उतरोगे तले इसके कयामत होती जाती है||

मैं मुजरिम हूँ करो पेशी मेरी इश्क़ ए अयानत में|
किया है जुर्म उल्फत का ये तोहमत होती जाती है||

मुहब्बत नाम है "अँजू" शिद्दत का, वफाओं का|
चले जो इस डगर मरने की चाहत होती जाती है||

-अँजू डोकानिया