Showing posts with label नेकी. Show all posts
Showing posts with label नेकी. Show all posts

Saturday, October 29, 2016

न्याय.............अधीर













न्याय बिक जाता है ...
कोतवाल बिक जाता है....
वकीलों का भी,
हर सवाल बिक जाता है,
सच को भी यहाँ….
अक्सर बिकते देखा है,
मुजरिमों को ऐश.... 
हमने करते देखा है,
मिलती है सज़ायें..
नेकी ..करने वालो को,
मिटा देते है कभी कभी 
ये अंधेरें भी.. उजालो को
हाँ... 
इस बात से,
नही मुझे इंकार है,
की नेकियाँ जहां में..
फिर भी बरक़रार है।

-सुरेश पसारी "अधीर"