Showing posts with label चेतन. Show all posts
Showing posts with label चेतन. Show all posts

Monday, March 30, 2020

अच्छा हुआ ....डॉ. अख़्तर खत्री

आख़िर में हम मिल गए, अच्छा हुआ,
बाकी सब हम भूल गए, अच्छा हुआ ।

मैं मुझ में नहीं हूं, तुम ख़ुद में नहीं हो,
दूजे की रूह में घुल गए, अच्छा हुआ ।

मुराज़ई हुई सी थी ज़िंदगियां अपनी,
दिल से दिल तक खिल गए, अच्छा हुआ ।

ख़ुदा ने लिखा था और हो गया, देखो,
नसीब अपने खुल गए, अच्छा हुआ ।

आ गए तुम 'अख़्तर' की इन बाहों में,
लौट कर के ना फ़िर गए, अच्छा हुआ ।
-डॉ. अख़्तर खत्री