Tuesday, May 9, 2017

खुशबू दिलदार से चुरायी है....मनी यादव

चित्र गूगल से
ख़ुशबू तेरी पयाम लायी है
फिर फ़िज़ा में बहार आयी है

बेवफ़ा मैं नहीं, न ही तुम हो
फ़ितरते इश्क़ बेवफ़ाई है

इत्र चुपके से कान में बोला
खुशबू दिलदार से चुरायी है

कोई मंज़र नहीं रहा ग़म का
आज शायद वो मुस्करायी है

पहना ज्यों ही लिबास यादों का
खुद ग़ज़ल मेरे पास आई है
- मनी यादव 

6 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति...

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  2. बहुत सुन्दर रचना..... आभार
    मेरे ब्लॉग की नई रचना पर आपके विचारों का इन्तजार।

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