अधिकांश औरतें
जब व्यस्त होती हैं खरीदने में
साड़ी और सलवार सूट
तो लेखिकाएं खरीदती हैं
अपने लिए
कुछ किताबें ,पत्रिकाएॅ और कलम
अधिकांश औरतें
जब ढूंढती हैं
इन्टरनेट पर
फैशन का ट्रेंड
तो लेखिकाएं तलाशती हैं
ऑनलाइन किताबों की लिस्ट
अधिकांश औरतें
जब नाखून में नेलपाॅलिश
पैरों मे महावर लगा
करती हैं खुद को सुंदर दिखने की जतन
तो लेखिकाएं
रंग छोड़ती नाखूनों से
पलटती हैं किताबों के पन्ने
या रिश्तों की मजबूती के लिए
शब्दों से उगाती हैं
संवेदनाओं का पौधा
-भावना
मुजफ्फरपुर, बिहार.
:) बढ़िया ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावना जी ।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-05-2017) को
ReplyDelete"मानहानि कि अपमान में इजाफा" (चर्चा अंक-2636)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक