कब किसे ऐतबार होता है
सात जन्म का प्यार होता है
दिल की बस्ती रही उजड़ती सी
सोलह उधर सिंगार होता है
मनचले तो जहाँ - कहीं जाते
शक़्ल दारोमदार होता है
मानते हैं सभी, ख़ुदा होना
काफ़िर का भी, संसार होता है
किस कंधे की पड़े, हमें ज़रूरत
कौन तब, तरफ़दार होता है
-सुशील यादव
(बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन 2122 1122 22 ### २१२२१२१२ २२)
बहुत सुन्दर.... सटीक...
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