उसने गैर को सदा देके बुलाया होगा।
मुझे ख्वाब में ही ये ख्याल आया होगा।।
जब यादों का बवन्डर छाया होगा।
मन को मेरे मैने आइना बनाया होगा।।
रूह बेचैन हुई होगी जब मेरे दिल की।
मुट्ठी में उसको कैद करके सताया होगा।।
बेतहाशा जो हुई होगी जलन सीने में।
मौत को फिर रूबरू अपने पाया होगा।।
नींद टूटी तो जिन्दगी से खफा हो बैठे।
चर्चा में गली गली मेरा साया होगा।।
-प्रीती श्री वास्तव
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