Saturday, June 15, 2019

घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में - यशु जान

पढ़ने में मज़ा तो है आता इन छाओं में, 
घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में 

पहली अशुद्धि सच लिखना, 
है दूसरी इनका ना बिकना, 
चोर ना छिप सकता है इनके गांव में, 
घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में 

तीसरी अशुद्धि चुभते शब्द, 
इनमें सब कुछ है उपलब्ध, 
जो होना चाहिए देश के इन युवाओं में, 
घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में 

और पांचवीं इनमें देश-भक्ति, 
छटी तेरे गुरुदेव की शक्ति, 
छिपा बहुत कुछ है इनकी अदाओं में, 
घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में 

सातवीं इनका जोश दिखाना, 
आठवीं सच पर मर मिट जाना, 
यशु जान तू मरेगा सब खताओं में, 
घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में, 
पढ़ने में मज़ा तो है आता इन छाओं में - 
-यशु जान
यशु जान एक पंजाबी कवि और लेखक हैं। वे जालंधर शहर के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही कला से प्यार है। आप गीत, कविता और ग़ज़ल विधा में लिखते है | आपकी एक पुस्तक 'उत्तम ग़ज़लें और कविताएं' नाम से प्रकाशित हो चुकी है | फिलहाल आप जे. आर. डी. एम. कंपनी में बतौर स्टेट हैड बतौर काम कर रहे हैं |

6 comments:

  1. वाह बहुत सुन्दर

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  2. सुन्दर रचना

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (16 -06-2019) को "पिता विधातारूप" (चर्चा अंक- 3368) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ....
    अनीता सैनी

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  4. वाह बहुत सुन्दर धार दार कविता।
    कवि परिचय अप्रतिम।

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