पाँव जब भी इधर-उधर रखना
अपने दिल में ख़ुदा का डर रखना
रास्तों पर कड़ी नज़र रखना
हर क़दम इक नया सफ़र रखना
वक़्त, जाने कब इम्तेहां माँगे
अपने हाथों में कुछ हुनर रखना
मंज़िलों की अगर तमन्ना है
मुश्किलों को भी हमसफ़र रखना
खौफ़, रहज़न का तो बजा, लेकिन
रहनुमा पर भी कुछ नज़र रखना
सख्त लम्हों में काम आएँगे
आँसुओं को सँभाल कर रखना
चुप रहा मैं, तो लफ़्ज़ बोलेंगे
बंदिशें मुझ पे, सोच कर रखना
आएँ कितने भी इम्तेहां "दानिश"
अपना किरदार मोतबर रखना
-दानिश भारती
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रहज़न=लुटेरा, रहनुमा=मार्ग दर्शक, किरदार=चरित्र, मोतबर=निर्मल/साफ़
अपने दिल में ख़ुदा का डर रखना
रास्तों पर कड़ी नज़र रखना
हर क़दम इक नया सफ़र रखना
वक़्त, जाने कब इम्तेहां माँगे
अपने हाथों में कुछ हुनर रखना
मंज़िलों की अगर तमन्ना है
मुश्किलों को भी हमसफ़र रखना
खौफ़, रहज़न का तो बजा, लेकिन
रहनुमा पर भी कुछ नज़र रखना
सख्त लम्हों में काम आएँगे
आँसुओं को सँभाल कर रखना
चुप रहा मैं, तो लफ़्ज़ बोलेंगे
बंदिशें मुझ पे, सोच कर रखना
आएँ कितने भी इम्तेहां "दानिश"
अपना किरदार मोतबर रखना
-दानिश भारती
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रहज़न=लुटेरा, रहनुमा=मार्ग दर्शक, किरदार=चरित्र, मोतबर=निर्मल/साफ़
bhut khoob
ReplyDeleteइस दौरे-जहान मुश्किल है ग़ालिब..,
ReplyDeleteतअल्लुक़ी उम्मीदें मुख़्तसर रखना.....
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletebahut sundar prastuti
ReplyDeletebahut hi khubsurat
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteमंज़िलों की अगर तमन्ना है
ReplyDeleteमुश्किलों को भी हमसफ़र रखना
सख्त लम्हों में काम आएँगे
आँसुओं को सँभाल कर रखना
बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर.
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