मशहूर शायर ज़नाब अनवर जलालपुरी का कल दिन को 10 दस बजे लखनऊ में इन्तेकाल हो गया
आज उनके शहर जलालपुर में सुपुर्देख़ाक किया जाएगा
06 जुलाई 1947 - 02 जनवरी 2018
मैं जा रहा हूँ मेरा इन्तेज़ार मत करना
मेरे लिये कभी भी दिल सोगवार मत करना
मेरी जुदाई तेरे दिल की आज़माइश है
इस आइने को कभी शर्मसार मत करना
फ़क़ीर बन के मिले इस अहद के रावण
मेरे ख़याल की रेखा को पार मत करना
ज़माने वाले बज़ाहिर तो सबके हैं हमदर्द
ज़माने वालों का तुम ऐतबार मत करना
ख़रीद देना खिलौने तमाम बच्चों को
तुम उन पे मेरा आश्कार मत करना
मैं एक रोज़ बहरहाल लौट आऊँगा
तुम उँगुलियों पे मगर दिन शुमार मत करना
-अनवर जलालपुरी
नमन,भावभीनी श्रद्धांजलि🙏
ReplyDeleteश्रद्धाँजलि।
ReplyDeleteनमन श्रद्धांजली
ReplyDeleteअनवर जलालपुरी मेरे मनपसंद शायर हैं
ReplyDeleteउनकी आवाज में एक अजीब काशिश थी
संचालन का अंदाज सबसे अलग
शायरी का मोल बढ़ा देते थे उनके बोल
एक ईमानदार सच्चा शायर
जिसे मुशायरों के मंच और चाहने वाले
कभी नही भूल सकते ....जब भी उनकी आवाज
कानों में गूंजेगी वो जी उठेंगे