क्यों नसीबों की बात करते हैं
जब ग़रीबों की बात करते हैं
फिर कहेंगे हमें उठाने को
वो सलीबों की बात करते हैं
किनके अल्फ़ाज़ सबसे झूठे हैं
क्या अदीबों की बात करते हैं
जाइये मत अभी रक़ीबों पर
हम हबीबों की बात करते हैं
कौन है हमसे बढ़के, आप अगर
बदनसीबों की बात करते हैं
-केशव शरण
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ReplyDeleteउम्दा शानदार गजल।
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबढ़िया !
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