Thursday, January 25, 2018

प्रेम और स्पर्श..............अमिता प्रजापति


प्रेम और स्पर्श
मेरे दो बच्चे हैं
स्पर्श कुछ अधिक चंचल है
दौड़ता है दूर-दूर तक
पूछ-पूछ कर
परेशान रखता है

दूसरा- प्रेम, जरा
गम्भीर है
बहुत संकट में ही मां
पुकारता 
है
और अधिकतर समय
खुद ही अपनी
मां बना रहता है।

-अमि
ता प्रजापति

...... नायिका से

7 comments:

  1. बहुत ही सुंदर

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (26-01-2018) को "गणचन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-2860) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    गणतन्त्र दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (26-01-2018) को "गणचन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-2860) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    गणतन्त्र दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. उत्कृष्ट व प्रशंसनीय प्रस्तुति.......
    मेरे ब्लाग पर आपके विचारो का इन्तजार

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  5. बहुत भावपूर्ण !
    बधाई !!

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