जानते हैं पर पुकारते नहीं
हमारी भूलने की
आदत बरकरार है
कोई हमारा भला करे तो
जल्दी भूल जाते हैं
और तब देर हो जाती है
भूलने में....
जब हमारे साथ कोई
खराब व्यवहार करता है
ठीक उसी तरह
हम भूल गए हैं
उन शब्दों को
जिन्हें हम
बचपन में माँ से सीखा था
वे शब्द हैं....
शाला, विद्यालय,
शिक्षक, गुरूजी,
बस्ता, जूता,
मां-पिताजी, कुर्सी, अखबार,
छुट्टी, घण्टी, खोज,
प्रेरणा, प्रयोग, स्याही, दावात,
कलम, स्लेट, खड़िया
होनहार, बुद्धिमान,बेवकूफ,
और भी अन्य शब्द हैं
जो उपयोग में आते हैं
सिरदर्द, बुखार, मंजन, नहानी,
चौका, रसोई, बरतन,
आलमारी, बिजली, मोमबत्ती
लिखती जाऊँगी तो
जगह ही नहीं बचेगी
आज हिन्दी दिवस है
और उसी हिन्दी को
जिसमें हमने अपना बचपन
जिया है..उसे ही भूल गए हैं
क्योंकि......
हमें भूलने की
आदत जो है...
और उस आदत से
हमें छुटकारा पाना है
-हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ
मन की उपज
-यशोदा
हमारी भूलने की
आदत बरकरार है
कोई हमारा भला करे तो
जल्दी भूल जाते हैं
और तब देर हो जाती है
भूलने में....
जब हमारे साथ कोई
खराब व्यवहार करता है
ठीक उसी तरह
हम भूल गए हैं
उन शब्दों को
जिन्हें हम
बचपन में माँ से सीखा था
वे शब्द हैं....
शाला, विद्यालय,
शिक्षक, गुरूजी,
बस्ता, जूता,
मां-पिताजी, कुर्सी, अखबार,
छुट्टी, घण्टी, खोज,
प्रेरणा, प्रयोग, स्याही, दावात,
कलम, स्लेट, खड़िया
होनहार, बुद्धिमान,बेवकूफ,
और भी अन्य शब्द हैं
जो उपयोग में आते हैं
सिरदर्द, बुखार, मंजन, नहानी,
चौका, रसोई, बरतन,
आलमारी, बिजली, मोमबत्ती
लिखती जाऊँगी तो
जगह ही नहीं बचेगी
आज हिन्दी दिवस है
और उसी हिन्दी को
जिसमें हमने अपना बचपन
जिया है..उसे ही भूल गए हैं
क्योंकि......
हमें भूलने की
आदत जो है...
और उस आदत से
हमें छुटकारा पाना है
-हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ
मन की उपज
-यशोदा
बहुत सही और अच्छा लिखी हैं दीदी !
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
कितनी सच्चाई है इस इस में...एक ऐसी सच्चाई जिसका हर रोज सामना होता है.....
ReplyDeleteसार्थक
सबके दिन फिरते हैं...हमारे प्रधानमंत्री सरकारी कार्यालयों और विदेशों में भी राजभाषा का प्रयोग कर रहे हैं...ये सराहनीय है...
ReplyDeleteवास्तव में हम अपनी भाषा को भूलते जा रहें हैं! एकदम सही बात आदरणिया यशोदा जी!
ReplyDeleteधरती की गोद
बिल्कुल सही कहा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (14-09-2014) को "मास सितम्बर-हिन्दी भाषा की याद" (चर्चा मंच 1736) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हिन्दी दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति !
ReplyDeleteहिंदी दिवस की बधाई !
दिल की बातें !
हिंदी दिवस पर शुभ्कामनाऐं । सुंदर भाव ।
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की अनंत शुभकामनायें
ReplyDeleteवाह...सुन्दर और सार्थक पोस्ट...
ReplyDeleteसमस्त ब्लॉगर मित्रों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@हिन्दी
और@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
Sunder aur saty prastutikaran.....
ReplyDeleteसही और सार्थक प्रस्तुति के लिए बधाई आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी | आपको भी हिंदी दिवस की हार्दिक शुभ कानाए
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