नया जूता थोड़ा-बहुत काटता है,
पर लगातार पहनते रहो,
तो ठीक हो जाता है,
छोड़ दो, तो और अकड़ जाता है.
कुछ जूते बहुत ज़िद्दी होते हैं,
कई दिनों तक काटना नहीं छोड़ते,
पर आखिर में ठीक हो जाते हैं,
बस थोड़ी तकलीफ़ सहना,
थोड़ा सब्र करना पड़ता है.
कुछ लोग भी जूतों की तरह होते हैं,
काटने से बाज नहीं आते,
उनसे वैसे ही निपटना पड़ता है,
जैसे जूतों से निपटा जाता है !!
जूते जरूरी हैं
ReplyDeletehmmmm...kuch log un juton ki trhaa hote hain...jinhe jitnaaa apnaane ki koshish kro wo bas kaatengii ...unko tyaagnaa hi sehat ke liye achaa he
ReplyDeleteye baat jitni jldi smjh aaye utnaa behtar
bahut steek rchnaa
nice
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