Wednesday, August 21, 2019

जब समय न मिले तब भी आना ...केदारनाथ सिंह

आना
जब समय मिले
जब समय न मिले
तब भी आना

आना
जैसे हाथों में
आता है जाँगर
जैसे धमनियों में
आता है रक्त
जैसे चूल्हों में
धीरे-धीरे आती है आँच

आना जैसे बारिश के बाद
बबूल में आ जाते हैं
नए-नए काँटे

आना जैसे मंगल के बाद
चला आता है बुध
आना
~ केदारनाथ सिंह

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