पॉपुलर बनाम क्लासिक की बहस
एक नया फिनोमिना है
बाज़ार तूलिका मापेगी उसे
कोई भी रोमांचक भाव रह-रहकर कर उभरेगा
अथवा
मनोरंजन की क्षमता बलवती होगी
कि सहसा बह उठेगी 'यो-यो' की बहार..
तब 'बुद्धिजीवी युवा पाठक'
जीवन-दर्शन की इस नई धुन को
स्वागत योग्य कहेगा
और नकार देगा
'शुद्धतावाद' को
जब बयार थम जाएगी
तब फिर से
ग्लोबलाइज़ेशन के फ़ायदे गिनाने वाली पॉपुलैरिटी
ढूँढ़ेगी इतिहास में अपने अस्तित्व को
पर चेतना की नई परतों और नए आयामों में
गुम मिलेगी
पॉपुलर बनाम क्लासिक की बहस
चूँकि महज़ एक बड़ा भ्रम है बाज़ार
श्रेष्ठता का मापदंड नहीं..।
-ऋचा वर्मा
एक नया फिनोमिना है
बाज़ार तूलिका मापेगी उसे
कोई भी रोमांचक भाव रह-रहकर कर उभरेगा
अथवा
मनोरंजन की क्षमता बलवती होगी
कि सहसा बह उठेगी 'यो-यो' की बहार..
तब 'बुद्धिजीवी युवा पाठक'
जीवन-दर्शन की इस नई धुन को
स्वागत योग्य कहेगा
और नकार देगा
'शुद्धतावाद' को
जब बयार थम जाएगी
तब फिर से
ग्लोबलाइज़ेशन के फ़ायदे गिनाने वाली पॉपुलैरिटी
ढूँढ़ेगी इतिहास में अपने अस्तित्व को
पर चेतना की नई परतों और नए आयामों में
गुम मिलेगी
पॉपुलर बनाम क्लासिक की बहस
चूँकि महज़ एक बड़ा भ्रम है बाज़ार
श्रेष्ठता का मापदंड नहीं..।
-ऋचा वर्मा
आपने बहुत ही अच्छा लेख लिखा है। daily news पढ़ने के लिए इस वेबसाइट को देखें। Latest News by Yuva Press India
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको जन्मदिवस की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ !!