पढ़ के किताब प्यार किया नहीं जाता,
जब हो जाये तब से जिया नहीं जाता,
किस्से तो बहुत होते है प्यार के यहाँ,
"मजनू" नाम सबको दिया नहीं जाता,
मर कर भी कई आशिक अमर हो गए,
हर आशिको से ज़हर लिया नहीं जाता,
किताबी रवायत का मुहब्बत में काम नहीं,
दिल खोने के बाद कुछ किया नहीं जाता,
कई अंजाम लिखे मिलेंगे उन किताबो में,
परवाह करने वालो से प्यार किया नहीं जाता !!!!
-नीशीत जोशी
प्राप्ति स्रोतः ग़ज़ल संध्या
https://www.facebook.com/GazalaSandhya?ref=hl
जब हो जाये तब से जिया नहीं जाता,
किस्से तो बहुत होते है प्यार के यहाँ,
"मजनू" नाम सबको दिया नहीं जाता,
मर कर भी कई आशिक अमर हो गए,
हर आशिको से ज़हर लिया नहीं जाता,
किताबी रवायत का मुहब्बत में काम नहीं,
दिल खोने के बाद कुछ किया नहीं जाता,
कई अंजाम लिखे मिलेंगे उन किताबो में,
परवाह करने वालो से प्यार किया नहीं जाता !!!!
-नीशीत जोशी
प्राप्ति स्रोतः ग़ज़ल संध्या
https://www.facebook.com/GazalaSandhya?ref=hl
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (21-04-2014) को "गल्तियों से आपके पाठक रूठ जायेंगे" (चर्चा मंच-1589) पर भी है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर ........
ReplyDeleteहर आशिकों की जगह 'सब आशिकों' किया जा सकता है क्यूंकि हर के साथ सिर्फ एक वचन आता है
मर कर भी कई आशिक अमर हो गए,
ReplyDeleteहर आशिको से ज़हर लिया नहीं जाता्.....बह त खूब है रचना
किस्से तो बहुत होते है प्यार के यहाँ,
ReplyDelete"मजनू" नाम सबको दिया नहीं जाता,
मर कर भी कई आशिक अमर हो गए,
हर आशिको से ज़हर लिया नहीं जाता,
सच ही तो है ....