इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं
जो देखता हूँ मैं वो भूलता नहीं
किसी मुंडेर पर कोई दिया जला
फिर इस के बाद क्या हुआ पता नहीं
मैं आ रहा था रास्ते में फूल थे
मैं जा रहा हूँ कोई रोकता नहीं
तिरी तरफ़ चले तो उम्र कट गई
ये और बात रास्ता कटा नहीं
इस अज़दहे की आंख पूछती रहीं
किसी को ख़ौफ़ आ रहा है या नहीं
मैं इन दिनों हूं ख़ुद से इतना बे-ख़बर
मैं बुझ चुका हूं और मुझे पता नहीं
ये इश्क़ भी अजब कि एक शख़्स से
मुझे लगा कि हो गया हुआ नहीं
-तहज़ीब हाफ़ी
वाह!
ReplyDeleteये इश्क़ भी अजब कि एक शख़्स से
मुझे लगा कि हो गया हुआ नहीं
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ReplyDeleteये इश्क़ भी अजब कि एक शख़्स से
ReplyDeleteमुझे लगा कि हो गया हुआ नहीं!!!
अपने नये तेवर की रचनाओं के
लिए पहचाने जाने वाले , पाकिस्तानी अदब के कुमार विश्वास , हाफी की बहुत भावपूर्ण रचना। वाह! ;;!!!!!!! 👌👌👌👌👌
बहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे
ReplyDeleteBest Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak
हर बात लाजवाब ,बहुत खूब
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