Thursday, February 13, 2020

वो गुल्लक फ़ोड आया....पंकज उपाध्याय


कुछ दुआएँ
मैं एक गुल्लक मे
रखता था..
चन्द कौडिया थी,
रहमतो मे लिपटी हुयी..
बुजुर्गो ने बरकते दी थी..



उस बूढे फ़कीर ने,

जब सर पे हाथ रखा,
दुआ दी कि एक अच्छे इन्सा
बने रहना…
वो सारी कौडिया मै
उसके कासे मे डाल आया…..



आज…

आज मै वो गुल्लक फ़ोड आया…



6 comments:

  1. बहुत सुन्दर

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  2. वाह बहुत बहुत सुंदर ।
    मानविय भावों का उत्कृष्ट सृजन।

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  3. वाह!!बेहतरीन सृजन 👌👌

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  4. बहुत अच्छी रचना!

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  5. वाह, बहुत खूब

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