इस कोशिश में शब्द छिन गए
चेहरे की मुस्कान छिन गई
अंतर के सब बोल छिन गए
यादों के सामान छिन गए !
पर हँसने गाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !
इस दरिया की गहराई में
डूबे उतरे, पार नहीं था
रात गुज़रती तनहाई में
सपनों का उपहार नहीं था !
ज़िंदा रह पाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !
एक हृदय जो कहीं और था
किसी और की थाती था वह
जीवनभर के संग साथ की
किसी प्रिया की पाती था वह !
कैसी दीवाने की कोशिश !
वही हृदय पाने की कोशिश !
किसी बात पर नहीं रीझना
किसी बात पर नहीं खीझना
मुझको तुमसे नहीं जीतना
पहली बारिश नहीं भीगना !
दूर चले जाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !
धड़कन के इस करुण रुदन पर
घायल मन के मौन कथन पर
अट्टहास करते रहना तुम
इस भोले से अपनेपन पर !!!
इंद्रधनुष छूने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !!!
रचनाकार
बेहतरीन...
ReplyDeleteसादर..
बहुत सुंदर सृजन।
ReplyDeleteधड़कन के इस करुण रुदन पर
घायल मन के मौन कथन पर
अट्टहास करते रहना तुम
इस भोले से अपनेपन पर !!
वाह्ह्
सुन्दर
ReplyDeleteमीना जी की कविताओं में भावनाओं के अभिसार का एक अद्भुत अंतर्नाद सुनाई देता है।
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteधड़कन के इस करुण रुदन पर
ReplyDeleteघायल मन के मौन कथन पर
अट्टहास करते रहना तुम
इस भोले से अपनेपन पर !!!
इंद्रधनुष छूने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !
भावों से भरा सृजन न
मीना बहन! सस्नेह 💐💐💐💐
बहुत सुन्दर कविता
ReplyDeleteहृदय तक पहुँचती ,भावभीनी सृजन ,सादर नमस्कार मीना जी
ReplyDeleteधड़कन के इस करुण रुदन पर
ReplyDeleteघायल मन के मौन कथन पर
अट्टहास करते रहना तुम
इस भोले से अपनेपन पर !!!
वाह!!!
बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब सृजन