Saturday, November 30, 2019

एक हृदय पाने की कोशिश !.....मीना शर्मा


इस कोशिश में शब्द छिन गए
चेहरे की मुस्कान छिन गई
अंतर के सब बोल छिन गए
यादों के सामान छिन गए !
पर हँसने गाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !

इस दरिया की गहराई में
डूबे उतरे, पार नहीं था
रात गुज़रती तनहाई में
सपनों का उपहार नहीं था !
ज़िंदा रह पाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !

एक हृदय जो कहीं और था
किसी और की थाती था वह
जीवनभर के संग साथ की
किसी प्रिया की पाती था वह !
कैसी दीवाने की कोशिश !
वही हृदय पाने की कोशिश !

किसी बात पर नहीं रीझना 
किसी बात पर नहीं खीझना
मुझको तुमसे नहीं जीतना 
पहली बारिश नहीं भीगना !
दूर चले जाने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !

धड़कन के इस करुण रुदन पर
घायल मन के मौन कथन पर
अट्टहास करते रहना तुम
इस भोले से अपनेपन पर !!!
इंद्रधनुष छूने की कोशिश !
एक हृदय पाने की कोशिश !!!

रचनाकार

9 comments:

  1. बेहतरीन...
    सादर..

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  2. बहुत सुंदर सृजन।
    धड़कन के इस करुण रुदन पर
    घायल मन के मौन कथन पर
    अट्टहास करते रहना तुम
    इस भोले से अपनेपन पर !!
    वाह्ह्

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  3. मीना जी की कविताओं में भावनाओं के अभिसार का एक अद्भुत अंतर्नाद सुनाई देता है।

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  4. धड़कन के इस करुण रुदन पर
    घायल मन के मौन कथन पर
    अट्टहास करते रहना तुम
    इस भोले से अपनेपन पर !!!
    इंद्रधनुष छूने की कोशिश !
    एक हृदय पाने की कोशिश !
    भावों से भरा सृजन न
    मीना बहन! सस्नेह 💐💐💐💐

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  5. बहुत सुन्दर कविता

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  6. हृदय तक पहुँचती ,भावभीनी सृजन ,सादर नमस्कार मीना जी

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  7. धड़कन के इस करुण रुदन पर
    घायल मन के मौन कथन पर
    अट्टहास करते रहना तुम
    इस भोले से अपनेपन पर !!!
    वाह!!!
    बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब सृजन

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