Thursday, November 21, 2019

आखिरी बुजुर्ग ....कविता भट्ट 'शैलपुत्री'

आज हो रहा गाँव की
नवनिर्मित रोड का उद्घाटन
यहां अकेले रह रहा आखिरी बुजुर्ग
गाँव छोड़ रहा है
अनमना होकर
किंतु समाप्त नहीं होता
हरे-भरे वृक्षों का मोह
मटके का पानी
मिट्टी का सौंधी महक
ठण्डी हवाएं, फूलों की महक
नहीं है खुश, गहरे दुःख में है
फिर भी जा रहा है दूर शहर
बहू-बेटे के साथ की खातिर
-कविता भट्ट 'शैलपुत्री


4 comments:

  1. हृदय स्पर्शी रचना छोटे में कितना कुछ कहती ।

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  2. बेहद उम्दा....

    आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है|

    हिंदी कविता मंच

    https://hindikavitamanch.blogspot.com/2019/11/I-Love-You.html

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  3. मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
    Santali Mp3 Download

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