आज भी तेरी तस्वीर मैंनें आंगन में लगा रखा है
हर एक सांस पर तेरा नाम सजा रखा है
देख ना ले मेरे अश्कों मे तुझको कोई
हमने हर अश्क को पलकों में छुपा रखा है
गीले पलकों पर अब ख्वाब नहीं टिकता "कान्हा"
इस लिये हर ख्वाब तेरी राहों में बिछा रखा है
एक पल को भी ना वीरान हुआ कूचा मेरा
गम-ए तनहाई को जबसे हमने अपना बना रखा है
तुम चले गये तुम्हारी याद ना जाने दी हमने
आज अभी हर याद को सीने से लगा रखा है
आ जाना गर धुंधला जाए तेरी आँखों का काज़ल
हमनें हर ताक पर सपनों को जला रखा है
अच्छे लगते हैं अब तो गालों पे बहते आँसू
आँसुओं को पीने में भी अपना मज़ा रखा है
प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ 08057575552
गृहलक्ष्मी में प्रकाशित रचना
हर एक सांस पर तेरा नाम सजा रखा है
देख ना ले मेरे अश्कों मे तुझको कोई
हमने हर अश्क को पलकों में छुपा रखा है
गीले पलकों पर अब ख्वाब नहीं टिकता "कान्हा"
इस लिये हर ख्वाब तेरी राहों में बिछा रखा है
एक पल को भी ना वीरान हुआ कूचा मेरा
गम-ए तनहाई को जबसे हमने अपना बना रखा है
तुम चले गये तुम्हारी याद ना जाने दी हमने
आज अभी हर याद को सीने से लगा रखा है
आ जाना गर धुंधला जाए तेरी आँखों का काज़ल
हमनें हर ताक पर सपनों को जला रखा है
अच्छे लगते हैं अब तो गालों पे बहते आँसू
आँसुओं को पीने में भी अपना मज़ा रखा है
प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ 08057575552
गृहलक्ष्मी में प्रकाशित रचना
is nacheej ki rachna ke upar inayat ke liye tah-e-dil se shukriya Yashoda ji
ReplyDeletesaadar
kanha
बहुत सुन्दर..
ReplyDeletebahut bahut shukriya Maheshwari ji
DeleteKanha
अच्छे लगते हैं अब तो गालों पे बहते आँसू
ReplyDeleteआँसुओं को पीने में भी अपना मज़ा रखा है ......बेहतरीन !
shukriya Nivedita ji
Deleteदेख ना ले मेरे अश्कों मे तुझको कोई
ReplyDeleteहमने हर अश्क को पलकों में छुपा रखा है
बहुत सुन्दर |
नई पोस्ट मैं
dhanyawad sir....apke comment se hamesha housla badha hai
Deleteतुम चले गये तुम्हारी याद ना जाने दी हमने
ReplyDeleteआज अभी हर याद को सीने से लगा रखा है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
bahut bahut aabhar
ReplyDeleteवाह ... बहुत ही बढिया
ReplyDeleteshukraguzar hun
Deleteखुबसूरत अभिवयक्ति......
ReplyDeletebahut bahut aabhar sushma ji
Deletebahut bahut aabhar sushma ji
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