Monday, December 30, 2019

हल्की बर्फ़ में .....पूजा प्रियंवदा

हल्की बर्फ़ में

एक हाथ थामे रखता है

घुमावदार पगडंडियों पर

दिल फिसले तो फिसले

तुम न फिसलो !

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उसके होंठ चुनते हैं

मेरे होंठों से

बर्फ़ के ताज़ा फ़ाहे

बर्फ़ गर्म और मीठी

मैंने पहली बार चखी.




3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 31 दिसम्ब 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. क्या बात है! इतनी सादगी से इतनी गहराई लाना आसान नहीं होता, सच में पढ़ते ही जैसे हल्की बर्फ़ सी ठंडक दिल में उतर गई। बहुत बढ़िया, बर्फ़ को गर्म और मीठा महसूस करवा दिया, वो भी बस शब्दों से आपने।

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