घर में माँ की कोई तस्वीर नही
जब भी तस्वीर खिचवाने का मौका आता है
माँ घर में खोई हुई किसी चीज को ढूंढ रही होती है
या लकड़ी घास और पानी लेने गई होती है
जंगल में उसे एक बार बाघ भी मिला
पर वह डरी नही
उसने बाघ को भगाया घास काटी घर आकर
आग जलाई और सबके लिए खाना पकाया
मई कभी घास या लकड़ी लाने जंगल नही गया
कभी आग नही जलाई
मई अक्सर एक जमाने से चली आ रही
पुरानी नक्काशीदार कुर्सी पर बैठा रहा
जिस पर बैठ कर तस्वीरे खिचवाई जाती है
माँ के चेहरे पर मुझे दिखाई देती है
एक जंगल की तस्वीर लकड़ी घास और
पानी की तस्वीर खोई हुई एक चीज की तस्वीर !!
ब्लॉग - Love You Mom
वाह
ReplyDeleteप्रिय संजय, ये रचना तो मन को छू कर निकल गयी ही, इसे लिए तो आभार है ही पर इस सुंदर भावों से भरे ब्लॉग तक पहुंचाने के लिए कोटि आभार। ब्लॉग पर यत्र तत्र मा की ही महिमा बिखरी पड़ी है। सभी से अनुरोध है ब्लॉग love you mom पर जरुरु जाये और मा के लिए लिखी भावपूर्ण रचनाएँ पढ़ें। आपको फिर से आभार इस सार्थक प्रयास के लिए 🙏🙏🙏
ReplyDeleteबहुत प्यारी भावपूर्ण रचना संजय जी ,माँ की तस्वीर हृदय में भी रहे तो वही काफी हैं ,माँ को समर्पित एक सुंदर ब्लॉग जो शायद बंद पड़ा था उस तक पहुंचाने के लिए भी आभार आपका
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12.12.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3547 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण सृजन
ReplyDeleteजंगल में उसे एक बार बाघ भी मिला
पर वह डरी नही
उसने बाघ को भगाया घास काटी घर आकर
आग जलाई और सबके लिए खाना पकाया..
वाह!!!
असाधारण प्रस्तुति।
ReplyDeleteहृदय तक गहरे उतरती जैसे हवा का झोंका कोई सच मां को छू कर आया ।
I Have No Words For Maa Hindi Poetry
ReplyDeleteAmazing Hindi Poetry
ReplyDeleteTop 10 Richest Person in World
ReplyDeleteThanks for sharing it. vacuum cleaner for sofa
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