Wednesday, December 11, 2019

घर में माँ की कोई तस्वीर नही :(



घर में माँ की कोई तस्वीर नही
जब भी तस्वीर खिचवाने का मौका आता है
माँ घर में खोई हुई किसी चीज को ढूंढ रही होती है
या लकड़ी घास और पानी लेने गई होती है
जंगल में उसे एक बार बाघ भी मिला
पर वह डरी नही
उसने बाघ को भगाया घास काटी घर आकर
आग जलाई और सबके लिए खाना पकाया

मई कभी घास या लकड़ी लाने जंगल नही गया

कभी आग नही जलाई
मई अक्सर एक जमाने से चली आ रही
पुरानी नक्काशीदार कुर्सी पर बैठा रहा
जिस पर बैठ कर तस्वीरे खिचवाई जाती है
माँ के चेहरे पर मुझे दिखाई देती है
एक जंगल की तस्वीर लकड़ी घास और
पानी की तस्वीर खोई हुई एक चीज की तस्वीर !!

ब्लॉग - Love You Mom



10 comments:

  1. प्रिय संजय, ये रचना तो मन को छू कर निकल गयी ही, इसे लिए तो आभार है ही पर इस सुंदर भावों से भरे ब्लॉग तक पहुंचाने के लिए कोटि आभार। ब्लॉग पर यत्र तत्र मा की ही महिमा बिखरी पड़ी है। सभी से अनुरोध है ब्लॉग love you mom पर जरुरु जाये और मा के लिए लिखी भावपूर्ण रचनाएँ पढ़ें। आपको फिर से आभार इस सार्थक प्रयास के लिए 🙏🙏🙏

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  2. बहुत प्यारी भावपूर्ण रचना संजय जी ,माँ की तस्वीर हृदय में भी रहे तो वही काफी हैं ,माँ को समर्पित एक सुंदर ब्लॉग जो शायद बंद पड़ा था उस तक पहुंचाने के लिए भी आभार आपका

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12.12.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3547 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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  4. बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण सृजन
    जंगल में उसे एक बार बाघ भी मिला
    पर वह डरी नही
    उसने बाघ को भगाया घास काटी घर आकर
    आग जलाई और सबके लिए खाना पकाया..
    वाह!!!

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  5. असाधारण प्रस्तुति।
    हृदय तक गहरे उतरती जैसे हवा का झोंका कोई सच मां को छू कर आया ।

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