मानवता पर
लिखिए
जी चाहे
जितना हो
स्याही कलम में
खतम हो जाए
तो और भर लो
कलम को सियाही से
सोचकर जितना
अच्छा लिखना हो
लिख डाले..और
करते रहो
प्रतीक्षा...
उसी मानवता की
जिसकी बाट आप
जोह रहे हैं
आनेवाली हर गाड़ी
देख लो...सब आएँगे
पर......मानवता
जिसकी तुम्हें प्रतीक्षा है
वो तो कबकी
निवाला बन चुकी है
आराम फरमा रही है
पेट में...
नेताओं और आतंकियों
के....पर
हजम नहीं हुई अब तक
लेखिका परिचय -यशोदा अग्रवाल
वाह
ReplyDeleteवाह दी । कभी कभी-कभी आपकी और मेरी कलम की स्याही एक ही जैसे विषय के शब्द उगलते हैं । मै भी कुछ इसी से मिलती जिसकी रचना लिखी हूँ।साद रनमन
ReplyDeleteमानवता लुप्तप्राय हो गयी है।
ReplyDeleteवो इतिहास बन जाएगी एक दिन। और हम किस्से लिखा करेंगे कि "वन्स देयर वॉज़ ए मानवता....😂😄.
सुंदर रचना।
यहाँ स्वागत है 👉👉 कविता
लिख रहें है आप मानवता पर
ReplyDeleteलिखिए जितना हो
और करते रहो परीक्षा उसी मानवता की जिसकी आप बात ढो रहे हैं ...... यथार्थ प्रस्तुति
सच है मानवता का आज नामों। कहाँ सिर्फ़ शब्दों में रहता है वर्ना तो सब कुछ निगल गए हैं ये तंत्र वाले ... गहरी रचना ...
ReplyDeleteकरारा कटाक्ष दी ,बहुत खूब ,सादर नमन
ReplyDeleteबहुत तेज कटाक्ष करती शानदार प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद लिखा पर बहुत अच्छा लिखा आदरणीय दीदी | सचमुच आजकल मानवता नेता और आंतकवादी बिना हाजमोला का चटकारा लिए हजम किये बैठे हैं | सादर
ReplyDeleteI read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
ReplyDeleteKerala Lottery Ticket
I read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
ReplyDeleteKerala Lottery Ticket
Manvavta se hi duniya chal rahi hai
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