ज़िन्दगी जी लिया हमने
गमों को पी लिया हमने
होश में हम जब आये
दिल को सी लिया हमने
मैखाना भी ख़ाली था
पैमाना भी ख़ाली था
भरी थी जिन आंखों में इश्क़
वो निगाहें बड़ा सवाली था
कहा दिल का भी मान लो
अपने जज़्बातों को थाम लो
न करो सरेआम जख़्मों को
ज़रा समझदारी से काम लो
-अनामिका घटक
जी बहुत बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteजी शुक्रिया🙏🙏
Deleteवाह ...सुंदर
ReplyDeleteजी आभार🌺💐
Deleteबहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteवाह!!!
जी हार्दिक अभिनंदन🌺🌺
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31.10.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3505 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति इस मंच की गरिमा बढ़ाएगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
जी आपका आशेष धन्यवाद
DeleteI read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
ReplyDeleteKerala Lottery Ticket