Thursday, October 31, 2019

लिख रहे हैं आप मानवता पर...यशोदा अग्रवाल

लिख रहे हैं आप
मानवता पर
लिखिए
जी चाहे
जितना हो
स्याही कलम में
खतम हो जाए 
तो और भर लो
कलम को सियाही से
सोचकर जितना
अच्छा लिखना हो
लिख डाले..और
करते रहो
प्रतीक्षा...
उसी मानवता की
जिसकी बाट आप
जोह रहे हैं
आनेवाली हर गाड़ी
देख लो...सब आएँगे
पर......मानवता
जिसकी तुम्हें प्रतीक्षा है
वो तो कबकी
निवाला बन चुकी है
आराम फरमा रही है
पेट में...
नेताओं और आतंकियों
के....पर
हजम नहीं हुई अब तक

लेखिका परिचय -यशोदा अग्रवाल 

11 comments:

  1. वाह दी । कभी कभी-कभी आपकी और मेरी कलम की स्याही एक ही जैसे विषय के शब्द उगलते हैं । मै भी कुछ इसी से मिलती जिसकी रचना लिखी हूँ।साद रनमन

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  2. मानवता लुप्तप्राय हो गयी है।
    वो इतिहास बन जाएगी एक दिन। और हम किस्से लिखा करेंगे कि "वन्स देयर वॉज़ ए मानवता....😂😄.
    सुंदर रचना।
    यहाँ स्वागत है 👉👉 कविता 

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  3. लिख रहें है आप मानवता पर
    लिखिए जितना हो
    और करते रहो परीक्षा उसी मानवता की जिसकी आप बात ढो रहे हैं ...... यथार्थ प्रस्तुति

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  4. सच है मानवता का आज नामों। कहाँ सिर्फ़ शब्दों में रहता है वर्ना तो सब कुछ निगल गए हैं ये तंत्र वाले ... गहरी रचना ...

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  5. करारा कटाक्ष दी ,बहुत खूब ,सादर नमन

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  6. बहुत तेज कटाक्ष करती शानदार प्रस्तुति।

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  7. बहुत दिनों बाद लिखा पर बहुत अच्छा लिखा आदरणीय दीदी | सचमुच आजकल मानवता नेता और आंतकवादी बिना हाजमोला का चटकारा लिए हजम किये बैठे हैं | सादर

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  8. I read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
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