Wednesday, October 30, 2019

समझ... ज़िन्दगी की .....अनामिका घटक

ज़िन्दगी जी लिया हमने 
गमों को पी लिया हमने 
होश में हम जब आये
दिल को सी लिया हमने 

मैखाना भी ख़ाली था 
पैमाना भी ख़ाली था 
भरी थी जिन आंखों में इश्क़ 
वो निगाहें बड़ा सवाली था 

कहा दिल का भी मान लो
अपने जज़्बातों को थाम लो 
न करो सरेआम जख़्मों को 
ज़रा समझदारी से काम लो 
-अनामिका घटक

10 comments:

  1. जी बहुत बहुत शुक्रिया

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  2. बहुत ही सुन्दर
    वाह!!!

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    1. जी हार्दिक अभिनंदन🌺🌺

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31.10.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3505 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति इस मंच की गरिमा बढ़ाएगी ।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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    1. जी आपका आशेष धन्यवाद

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  4. I read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
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