Tuesday, July 23, 2019

उड़ेगी बिटिया.....विभा रानी श्रीवास्तव


नीतू भतीजी , डॉ. बिटिया महक , 
प्रीती दक्ष , स्वाति , मोनिका 
संग
बहुत सी बिटिया 
रब ने दिलाई
कोखजाई एक भी नहीं
ना इनमें से किसी से 
मेरा गर्भनाल रिश्ता है
लेकिन जो रिश्ता है
उसके लिए गर्भ का
होना न होना मायने नहीं रखता है
हम एक दूसरे के आंसू 
शायद ना पोछ पायें
लेकिन आंसू दिखलाने में
कमजोर महसूस नहीं करते हैं
खुशियाँ बांटने के लिए भी
बच्चों की तरह उछलते हैं .......

आप सोच रहे होंगे , आपको बता बोर क्यों कर रही हूँ ......

बेटिया वो ही नहीं होती , जिसे हम जन्म देते हैं ....
तब तो प्यारा तोता पिंजरा में हो गया
सिंधु कुँए में कैद हो गया
सोच का दायरा बढ़ना चाहिए

बेटा जोरू का गुलाम 
समझा नहीं जाना चाहिए
दमाद बेटी को खुश रखता है
आप खुश होती हैं न

 बेटा को ही प्यार करने से , यशोदा को नहीं जाना जाता !


10 comments:

  1. व्वाहहहह...
    बेहतरीन..
    सादर..

    ReplyDelete
  2. दूसरी बार मेरे लिखे को स्थान दिया छोटी बहना ने अचंभित हूँ
    सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (24-07-2019) को "नदारत है बारिश" (चर्चा अंक- 3406) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  4. वाह बहुत बहुत सुंदर।

    ReplyDelete
  5. उत्कृष्ट सोच ..,खूबसूरत सृजन ।

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया सोच के साथ सुंदर प्रस्तूति।

    ReplyDelete
  7. बेटा को ही प्यार करने से , यशोदा को नहीं जाना जाता !...बहुत बढ़िया सोच

    ReplyDelete