सड़क के बीचों बीच
भूल गयी अपना पता
नाम, शख्सियत
गर्म तवा छू लिया
सोचके कि
ठंडी सुराही रखते थे
पहले वहाँ
चाय में नमक है
सब्ज़ी में दूध उड़ेलते ही
हवा को घुटन होने लगती है
आँसू हैं या पसीना
कोई चखे तो जाने
चेहरा भीग गया है
उमस की अँधेरी रात
आँखों में उतरती
किसी चौराहे पर
निर्वस्त्र खड़ी है
फ़व्वारे थक गए हैं
वो अपना नाम भूल गयी है
- पूजा प्रियम्वदा
वाह
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