जब से हुआ विज्ञान प्रबल
तब से हुआ वायु बदहाल
वाहन सब ईंधन से दौड़ते
धुआं छोड़ हवा को बिगाड़ते
शहर गांव का है बुरा हाल
मत पूछो भाई प्रदूषण का हाल
दमें से हैं कई बीमार
दूषित वायु की है मार
पेड़ बेचारे हैं मददगार
उनको काट कर हम बेकार
आओ मिलकर करें कुछ उपचार
लगाए पेड़ पौध हम घर-बाहर
बेहतरीन अभिव्यक्ति 👌
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबिलकुल सही ,बेहतरीन रचना ,सादर नमस्कार
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
३ जून २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करती सटीक रचना।
ReplyDeleteBahut hi shaandaar
ReplyDeleteGreat
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