मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Saturday, May 4, 2019
राम ध्यान हैं...निधि सक्सेना
राम ध्यान है
शान्त स्थिर
मौन गंभीर
दिव्य आलोकित
अंधकार में प्रकाश भरा स्मित ..
कृष्ण कीर्तन हैं
नाचते गाते
आनंद से छलछलाते
उन्मुक्त
सुखद सरल ..
ध्यान करो चाहे कीर्तन
स्वयं से मिलन तय है
कि राम और कृष्ण हमारे भीतर ही तो हैं...
-निधि सक्सेना
3 comments:
सुशील कुमार जोशी
May 4, 2019 at 10:14 AM
सत्य है।
Reply
Delete
Replies
Reply
~Sudha Singh Aprajita ~
May 4, 2019 at 2:41 PM
सुंदर 👏 👏
Reply
Delete
Replies
Reply
Onkar
May 4, 2019 at 3:12 PM
बहुत बढ़िया
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सत्य है।
ReplyDeleteसुंदर 👏 👏
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDelete