Tuesday, May 28, 2019

एडिक्ट..लत, व्यसन

इस बच्चे ने शराब नही पी रखी है। लेकिन लगातार मोबाइल देखने के कारण इसका नर्व सिस्टम प्रभावित हो गया है और इसके ब्रेन में ट्यूमर भी हो गया है।

डॉक्टर्स ने खूब कोशिश कर ली लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। अब इसके माँ बाप बहुत पछता रहे है कि क्यों हमने पैदा होते ही इसको मोबाइल पकड़ा दिया और अपने हाथों से ही अपने बच्चे का जीवन बर्बाद कर दिया।

दोस्तो नई पीढ़ी के साथ ये समस्याएँ बढ़ती जा रही है ।
यदि आप भी अपने बच्चे का जीवन चाहते है और आप उसे प्यार करते है तो मोबाइल देकर अपने हाथ से उसका जीवन नष्ट न करे उसे स्वाभाविक जीवन जीने दे उसको अपना बचपन जीने दे। और यदि आप अपने बच्चे से प्यार नही करते तो मोबाइल देकर पल पल मारने से बढ़िया उसको जहर देकर ही मार दे तो ज्यादा अच्छा होगा ।

दोस्तो ध्यान दे कहीं आपका बच्चा भी तो मोबाइल का शिकार नही हो रहा है? सावधान!!!! बचपन बचाये और भारत का भविष्य सुरक्षित करें।
यह एक चेतावनी है यदि हमने इसे हल्के में लिया तो एक दिन हमे भी रोना और पछताना पड़ सकता है।

व्हाट्सएपप से प्राप्त

4 comments:

  1. कटु यथार्थ है यह आज का कि बिना दुष्परिणामों पर विचार किये अभिभावक ऐसी लापरवाही करते हैं ।
    जागरूकता भरा संदेश ।

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  2. घर का हर सदस्य इसकी गिरफ्त में हो तो बच्चे कैसे बचें?

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (29-05-2019) को "बन्दनवार सजाना होगा" (चर्चा अंक- 3350) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. सिर्फ नई पीढ़ी ही नही प्रोढ और वयोवृद्ध भी इसी नशे में झूम रहे हैं।
    भली करे करतार।

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