Thursday, June 22, 2017

इस कठिन समय में .....परितोष कुमार 'पीयूष'



इस कठिन समय में
जब यहाँ समाज के शब्दकोश से
विश्वास, रिश्ते, संवेदनाएँ
और प्रेम नाम के तमाम शब्दों को
मिटा दिये जाने की मुहिम जोरों पर है 

तुम्हारे प्रति मैं 
बड़े संदेह की स्थिति में हूँ
कि आखिर तुम अपनी हर बात
अपना हर पक्ष
मेरे सामने इतनी सरलता
और सहजता के साथ कैसे रखती हो

हर रिश्ते को निश्छलता के साथ जीती
इतनी संवेदनाएँ कहाँ से लाती हो तुम 
बार-बार उठता है यह प्रश्न मन में
क्या तुम्हारे जैसे और भी लोग
अब भी शेष हैं इस दुनिया में

देखकर तुम्हें
थोड़ा आशान्वित होता हूँ 
खिलाफ मौसम के बावजूद
तुम्हारे प्रेम में
कभी उदास नहीं होता हूँ

-परितोष कुमार 'पीयूष'

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