ये वक्त भी नूर को
बेनूर बना देता है।
छोटे से जख्म को
नासूर बना देता है।
कौन चाहता है
अपनों से दूर रहना।
मगर वक्त सब को
मजबूर बना देता है।
रहते है दूर मगर दिल
उन्हे हर पल याद करता है।
दिल हर पल याद में
उनकी उदास रहता है।
काश कि वक्त भी
हमारे हाथ में होता।
ना कोई दूर होता
ना दिल कभी उदास होता॥
- अज्ञात रचनाकार
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteवाह !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
बहुत खूब। सुंदर रचना।
ReplyDeleteसमय बड़ा बलवान !
ReplyDeleteसुन्दर रचना |
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