सुन्दर।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सैम मानेकशॉ और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है।कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
यही तो जिंदगी है ... गणित ठीक कहाँ बैठता है सबका ... मुश्किल है सब्जेक्ट भी और समझ भी ...
जिन्दगी गणित नहीं है यह तो कविता है..कविता की तरह गुनगुनाएं जिन्दगी को तो यह सारे राज खोल देती है..
सुन्दर।
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सैम मानेकशॉ और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है।कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteयही तो जिंदगी है ... गणित ठीक कहाँ बैठता है सबका ... मुश्किल है सब्जेक्ट भी और समझ भी ...
ReplyDeleteजिन्दगी गणित नहीं है यह तो कविता है..कविता की तरह गुनगुनाएं जिन्दगी को तो यह सारे राज खोल देती है..
ReplyDelete