भोर गायब, बिहान गायब बा
रोसनी के निसान,, गायब बा
का कहीं देस के खबर तो से
देंह भर बा, परान गायब बा
नवका साहेब के एजेंडा से
खेत गायब, किसान गायब बा
जिल्द भर रह गइल बा हाथे में
बीच से संविधान गायब बा
ई जे लउकत बा, इंडिया ह इ
अउर हिंदोस्तान गायब बा
खांसि के टिमटिमा रहल बा दीया
नीन गायब निदान गायब बा।