किसी से चोट खाओगे
हमारी याद आएगी,
तलाशोगे एक कतरा प्यार का,
किसी से कह न पाओगे,
तलाशोगे मुझे फिर तुम,
दिलों की तनहाइयों में,
कभी जब तनहा बैठोगे,
हमारी याद आएगी.
लौटा हूँ बहुत मायूस होकर
मैं तेरे दर से,
कभी खामोश बैठोगे
हमारी याद आएगी
समेट लेता सारे अश्क
तेरी आँखों की कोरों से,
कभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
रचनाकार :: अज्ञात
प्रस्तुतिकरण :: सोनू अग्रवाल
http://yashoda4.blogspot.in/2012/08/blog-post_30.html
मधु पवन के सहज भाव के भोग से,
ReplyDeleteमन सुमन की कली को खिला लीजिए।
मन भटक कर न जाये विषय बात में,
राह में फूल कांटे हैं बिखरे पड़े।
भक्ति सरिता की धारा धवल वह रही,
मन के भावों को मज्जन करा लीजिए ॥
Sundar...
ReplyDeleteसुंदर कविता
ReplyDeleteसमेट लेता सारे अश्क
ReplyDeleteतेरी आँखों की कोरों से,
कभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
मन को छूती भावुक रचना
बहुत सुन्दर
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर --
आग्रह है --
आजादी ------ ???
सार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
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